जिसका अर्थ है " वसंत ", यह नाम आमतौर पर भारत में पाया जाता है। वसंत के आगमन को चिह्नित करने के लिए वसंत पंचमी नामक एक वार्षिक उत्सव भी देश भर में मनाया जाता है। यह विद्या, ज्ञान, भाषा, संगीत और सभी कलाओं की हिंदू देवी सरस्वती के सम्मान में किया जाता है।
पंचमी का अर्थ है: देवी पार्वती , उन्हें सात मातृसमान देवियों सप्तमातृकाओं में पांचवें स्थान पर रखा गया है और इसलिए उन्हें पंचमी, सुंदर देवी पार्वती भी कहा जाता है। लिंग। लड़मान्यता है कि सृष्टि के रचियता भगवान ब्रह्मा के मुख से वसंत पंचमी के दिन ही ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. इसी वजह से ज्ञान के उपासक सभी लोग वसंत पंचमी के दिन अपनी आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं
इस दिन मां सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सरस्वती माता की पूजा करने से बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल 14 फरवरी 2024 दिन बुधवार को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। आइए जानते हैं साल 2024 में बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त और इस पर्व का धार्मिक महत्व.बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करने का विधान है। इस दिन विशेषकर विद्यार्थी पढ़ाई में सफलता हासिल करने के लिए मां सरस्वती की पूजा करें। मां सरस्वती को मोदक के लड्डू और मीठे पीले चावल का भोग लगाएं। पीले रंग के वस्त्र
फल: केले, सेब और अनार जैसे फल अक्सर सरस्वती को प्रसाद के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं। मिठाइयाँ: मिठाई जैसे लड्डू (मीठा गोलाकार व्यंजन), पेड़ा, और अन्य पारंपरिक भारतीय मिठाइयाँ देवी को अर्पित की जाती हैं। ये ज्ञान की मिठास का प्रतीक हैं।